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स्टार्टअप इंडिया पहल

अंडमान और निकोबार इनोवेशन एंड स्टार्ट-अप पॉलिसी-2018 को 30 दिसंबर 2018 को A & N द्वीप समूह में स्टार्टअप के विकास के लिए लॉन्च किया गया था। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह नवाचार और स्टार्टअप नीति तैयार करने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। स्टार्टअप इंडिया के लिए UT पोर्टल 5 जुलाई, 2019 को लॉन्च किया गया था।

नीति के तहत राजकोषीय प्रोत्साहन के लिए परिचालन दिशानिर्देश अधिसूचित किए गए हैं और स्टार्टअप इंडिया के राष्ट्रीय पोर्टल और प्रशासन की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं, जिसमें यूटी प्रशासन ने कुछ वित्तीय और गैर-राजकोषीय प्रोत्साहनों को चाक-चौबंद करने का भी प्रयास किया है। स्टार्ट-अप के लिए सहायता प्रणाली जिसमें शामिल हैं: -

  1. क. मासिक भत्ता

    • मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप को एक वर्ष की समयावधि के लिए भा.रा.रु. 15,000 का मासिक भत्ता उपलब्ध कराया जाएगा।ढध्चझढचझऽ महिला/किन्नर या अ.जा./अ.ज.जा./सामार्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग/दिव्यांग संस्थापक/सह-संस्थापक वाले स्टार्ट-अप को एक वर्ष की समयावधि के लिए भा.रा.रु. 20,000 का मासिक भत्ता उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे मामलों में स्टार्ट-अप अस्तित्व में महिला/किन्नर या अ.जा./अ.ज.जा./सामार्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग/दिव्यांग संस्थापक/सह-संस्थापक का न्यूनतम 50% अंशधारी होना चाहिए।

  2. ख. स्टार्ट-अप वृद्धि अनुदान

    • योग्यता मापदण्ड अनुपालन करने वाले स्टार्ट-अप को उनके उत्पादों/सेवाओं के विकास के लिए भा.रा.रू. 3 लाख रुपये तक का एक-बारी अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।

  3. ग. विप्पणन सहायता

    • अण्डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह में स्टार्ट-अप चलाने वाले उद्यमि अपने उत्पादों/सेवाओं को बाजार में ले जाने के लिए एक बार रु. 03 लाख तक का विप्पणन/प्रचार सहायता प्रदान की जाएगी।ढध्चझढचझऽ पिछले छ माह के दौरान प्रति माह रु.50,000 की दर से राजस्व वाले स्टार्ट-अप को विप्पणन अनुदान प्रदान करने के योग्य माना जाएगा।

  4. घ. सब्सीडी प्राप्त इन्कुबेशन/सहकार्य

    • भारत में ऐसे स्टार्ट-अप जो इन्कुबेटरों और/या सहकार्य स्थलों के भाग है, वे इन्कुबेटर और/या सहकार्य स्थल के मासिक किराये का 50ः तक की सब्सीडी लाभ के लिए योग्य होंगे।ढध्चझढचझऽ यह सब्सीडी अधिकतम 01 वर्ष की समयावधि के लिए अधिकतम रु.5000 तक ही होगी।

  5. ङ. पेटेन्ट लागत की प्रतिपूर्ति

    • इस अंचल में संचालित डी.आई.पी.पी. मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप के राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट/ट्रेडमार्क/कॉपीराईट आवेदन करने तथा अभियोग की लागत की प्रतिपूर्ति संधराज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा की जाएगी।

  6. च. जी.एस.टी. प्रतिपूर्ति

    • स्टार्ट-अप उनके डी.अई.पी.पी. प्रमाणपत्र की वैधता की समाप्ति तक किसी भी 03 वर्ष के लिए वस्तुओं की बिक्री में भुगतान किए राज्य जी.एस.टी. वार्षिक प्रतिपूर्ति के लिए योग्य होगा। प्रति वर्ष प्रति स्टार्ट-अप को रु. 3 लाख तक की ही प्रतिपूर्ति राशि की जाएगी।

  7. छ. डिजिटल प्रौद्योगिकी सब्सीडी

    • स्टार्ट-अप कम्प्यूटरों, संबंधित हार्डवेयरों की खरीद, संबंधित सॉफ्टवेयर की खरीद के लिए रु. 1 लाख तक के पूंजीगत खर्च का 50ःडिजिटल प्रौद्योगिकी सब्सीडी के योग्य होंगे।

  8. ज. बिजली सब्सीडी

    • स्टार्ट-अप 03 वर्ष की समयावधि के लिए प्रति वर्ष 50% बिजली सब्सीडी के योग्य होंगे जो कि अधिकतम रू. 5 लाख तक की होगी।

स्टार्टअप्स के लिए लाभ